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DU SOL NCWEB 6th Semester Political Science | Understanding Globalization Unit 2A | संयुक्त राष्ट्रीय संघ यूनाइटेड नेशंस History and Parts | Important Notes

THE LEARNERS COMMUNITY AND TECHNOLOGY

 

6th Semester     Political Science

 

Understanding Globalization

 

Unit 2 A


संयुक्त राष्ट्रीय संघ यूनाइटेड नेशंस


 

इतिहास: प्रथम विश्व युद्ध के बाद 1929 में राष्ट्र संघ का गठन किया गया था। राष्ट्र संघ बहुत हद तक प्रभाव हीन था, और संयुक्त राष्ट्र का उसकी जगह होना के बहुत बड़ा लाभ है कि संयुक्त राष्ट्र अपने सदस्य देशों की सेनाओं को शांति संभालने के लिए तैनात कर सकता है।

 

संयुक्त राष्ट्र के बारे में विचार पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उभरकर सामने आया था जब राष्ट्र संघ अपने कर्तव्यों में असफल हो गया था।

 

सबसे पहले प्रथम विश्व युद्ध के बाद विश्व के सभी देशों में नैना लिया कि वह एक ऐसा संगठन बनाएंगे जो जो रुको ता लेने तथा रोकने के लिए कार्य करेगा जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय संघ का गठन किया सन् 1929 में परंतु राष्ट्र संघ अपने कर्तव्य में असफल रहा और द्वितीय विश्व युद्ध को होने से नहीं रोक पाया जिसके बाद विश्व के सभी देशों ने निर्णय लिया कि वह संयुक्त राष्ट्र का निर्माण करेंगे जिसका कार्य युद्ध को रोकना तथा जितना हो सके युद्ध को टालने का होगा।

 

24 अप्रैल 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति होने के बाद अमेरिका ने सन फ्रांसिस्को में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुई और यहां सारे 40 उपस्थित देशों ने संयुक्त राष्ट्र संधि पर हस्ताक्षर किए।

पोलैंड इस सम्मेलन में उपस्थित नहीं था पर उसके हस्ताक्षर के लिए विशेष स्थान रखा गया था बाद में पोलैंड ने भी हस्ताक्षर कर दिए। सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई देशों के हस्ताक्षर के बाद संयुक्त राष्ट्र अस्तित्व में आया।

 

संयुक्त राष्ट्र नाम संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट के द्वारा दिया गया था।

 


वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में 193 देश सदस्य हैं, राष्ट्रीय के स्वतंत्र होने के साथ ही पूर्व सोवियत संघ के विघटन के बाद इसके सदस्यों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती गई संयुक्त राष्ट्र संघ को चलाने के लिए सदस्य देश योगदान करते हैं किसी देश की संख्या के आधार पर योगदान तक किया जाता है संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका का योगदान सबसे अधिक है।

 

संयुक्त राष्ट्र संघ की जानकारी -

  संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है।

  अंतरराष्ट्रीय न्यायालय हेग (नीदरलैंड्स) में स्थित है।

  संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल संकट कोष का मुख्यालय न्यूयॉर्क में उपस्थित है।

  संयुक्त राष्ट्र दिवस 24 अक्टूबर को मनाया जाता है

  सयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य रास्ते शांति व रक्षकों बनाए रखना है।

  सयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यपालिका को सुरक्षा परिषद कहते हैं।

 

संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग :

  संयुक्त राष्ट्र महासभा general assembly

  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद security council

  आर्थिक एवं सामाजिक परिषद economic and social council

  अंतरराष्ट्रीय न्यायालय international court of justice

  संयुक्त राष्ट्र सचिवालय secretariat

  विशिष्ट एजेंसी ‌ specialised agencies

 

संयुक्त राष्ट्र महासभा: महासभा संयुक्त राष्ट्र का सबसे अहम हिस्सा है। महासभा किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्य मंच है। संयुक्त राष्ट्र संघ में यह एक अकेली संस्था है जिसमें सभी देशों का प्रतिनिधित्व शामिल होता है। प्रत्येक देश का एक वोट होता है संयुक्त राष्ट्र संघ में सदस्य देश अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट तक किसी भी मुद्दे पर विचार विमर्श कर सकते हैं। महासभा विचार विमर्श के बाद अपनी सिफारिशें जारी कर सकती है लेकिन वह किसी देश को इन सिफारिशों को मानने के लिए बाध्य नहीं कर सकती। महासभा सदस्य देशों के बीच बड़ी चिंताओं को समाप्त करने के लिए भी कार्य करती है।

 

महासभा के अध्यक्ष को प्रत्येक वर्ष महासभा द्वारा 1 वर्ष के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।

 

6 मुख्य समितियाँ: महासभा के लिये मसौदा प्रस्ताव इसकी छह मुख्य समितियों द्वारा तैयार किया जा सकता है:

(1) प्रथम समिति - निरस्त्रीकरण एवं अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा,

(2) द्वितीय समिति- आर्थिक एवं वित्तीय,

(3) तृतीय समिति - सामाजिक, मानवीय एवं सांस्कृतिक,

(4) चतुर्थ समिति - विशेष राजनीतिक एवं विऔपनिवेशीकरण,

(5) पंचम समिति- प्रशासनिक एवं बजटीय तथा

(6) छठी समिति- कानूनी।

 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: सुरक्षा परिषद को विश्व शांति और सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अमेरिका रूस चीन फ्रांस और ब्रिटेन इस के पांच स्थाई सदस्य हैं। सुरक्षा परिषद में पांचों स्थाई सदस्यों के पास कई अहम प्रकार के अधिकार हैं इसीलिए इसको लेकर कई बार वाद विवाद पैदा होता है।

1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के वर्क इसके सदस्यों की संख्या 50 थी जो आगे बढ़कर 193 हो गई इन 65 सालों के दौरान दुनिया भी हर लिहाज में बदल गए लेकिन सुरक्षा परिषद ने दुनिया को राष्ट्रीय का प्रतिनिधित्व जैसा का तैसा बना रहा।

 

सुरक्षा परिषद के घोषणा पत्र के अनुसार शांति एवं सुरक्षा बहाल करने की प्राथमिक जिम्मेदारी सुरक्षा परिषद की है इसकी बैठक कभी भी बुलाई जा सकती है तथा इसके फैसले का अनुपालन करना सभी राज्यों के लिए अनिवार्य है। इसमें 15 देश शामिल होते हैं जिसमें पांच सदस्य स्थाई होते हैं तथा अन्य 10 सदस्य अस्थाई होते हैं अस्थाई सदस्य को 2 वर्ष के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।

 

सभी स्थाई सदस्यों के पास वीटो नामक शक्ति होती है जिसके द्वारा वह किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी दे सकते हैं या फिर उसे अमाननीय घोषित कर सकते हैं।

 

महासभा की विपरीत इसके फैसले बाध्यकारी होते हैं आर्थिक प्रतिबंध लगाकर अथवा सामूहिक सैन्य कार्रवाई का आदेश देकर अपने फैसलों को लागू करवाने का अधिकार भी इसे प्राप्त है उदाहरण के लिए इसने ऐसा कोरियाई संकट तथा इराक कुवैत संकट के दौरान किया था।

 

सुरक्षा परिषद के कार्य

  विश्व में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना

  हथियारों की तस्करी को रोकना

  आक्रमण करता राज्य के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई करना

  आक्रमण को रोकना या बंद करने के लिए राज्य को आर्थिक प्रतिबंध लगाना।


आर्थिक एवं सामाजिक परिषद: आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के 54 सदस्य जिसमें 18 सदस्य 3 वर्ष के लिए निर्वाचित होते हैं। इसकी बैठक साल में दो बार होती है, यह संयुक्त राष्ट्र और उसकी विशेष एजेंसी जैसे अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, खाद्य एवं श्रमिक संगठन, यूनेस्को, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्य का समन्वयन करती है।

 

आर्थिक एवं सुरक्षा परिषद के कार्य:

  विकासशील देशों में आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देना।

  विकास और मानवीय आवश्यकताओं की सहायता प्राप्त परियोजनाओं का प्रबंधन करना।

  मानवाधिकार के अनुपालन को मजबूत करना।

  विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लाभ का विस्तार करना

  बेहतर आवास परिवार नियोजन तथा अपराध वितरण के क्षेत्र में विश्व सहयोग को बहाल करना।

 

आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के अधीन अनेक आयोग  की स्थापना की गई जिसमें सहस्राब्दी विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयत्न करना प्रमुख है

 

 

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय शहर के द हेग में स्थित है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में वैधानिक विवादों के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना की गई है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का निर्णय परामर्श माना जाता है एवं इसके द्वारा दिए गए निर्णय को अधिकारी रूप से लागू करने की सुरक्षा परिषद के पास है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के द्वारा राज्यों के बीच उत्पन्न विवाद को सुलझाया जाता है जैसे सीमा विवाद जल विवाद। संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न एजेंसी अंतरराष्ट्रीय विवादों के लिए स्पेक्ट्रामैक्स लेते हैं।

 

किस न्यायालय में 22 सदस्य होते हैं जो महासभा एवं सुरक्षा परिषद द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं न्यायाधीश के रूप में अंतर्राष्ट्रीय विधि के क्षेत्र में मान्यता प्राप्त व्यक्ति ही चुने जाते हैं जिसके कार्यालय 9 वर्ष के लिए होता है तथा दूसरी बार चुने जाते हुए कोई प्रतिबंध नहीं होता।

 

वर्ष 2002 में महासभा के अनुशंसा पर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की स्थापना की गई जिसमें 11 पुरुष एवं 7 महिलाएं शामिल हैं।

 

संयुक्त राष्ट्र सचिवालय: संयुक्त राष्ट्र सचिवालय संयुक्त राष्ट्र संघ की एक संस्था है जिसका कार्य संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्य का प्रशासनिक प्रबंधन करना है राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र संघ का महासचिव संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रशासनिक प्रधान होता है और महासचिव की नियुक्ति विभाग सभा में उपस्थित और मतदान करने वाले दो तिहाई सदस्यों द्वारा होती है। चार्टर में महासचिव के कार्यालय का कोई प्रावधान नहीं है परंतु महासभा के द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर महासचिव की नियुक्ति 5 वर्ष के लिए होती है वह द्वारा भी नियुक्त किया जा सकता है।

दक्षिण कोरिया के बान की मून दिसंबर 2006 से अब तक संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव है।

इसमें किसी व्यक्ति प्रमुख दो कार्यालय के लिए महासचिव नहीं चुना जा सकता क्योंकि राम सुरक्षा परिषद के किसी भी स्थाई देश का कोई व्यक्ति महासचिव नहीं चुना जा सकता जहां सचिवालय कर्मचारी अलग-अलग सदस्य देशों के लिए चुने जाते हैं।


विशिष्ट एजेंसी: संयुक्त राष्ट्र चार्टर में प्रावधान था कि आवश्यकता पड़ने पर इसकी प्रमुख संस्थाएं अपने अपने आवश्यकतानुसार विशिष्ट संगठन का निर्माण कर सकें। ऐसे संगठनों को विशिष्ट एजेंसी कहा जाता है जिनमें प्रमुख है अंतरराष्ट्रीय आर्थिक ऊर्जा एजेंसी, खाद्य एवं कृषि संगठन, यूनेस्को, विश्व बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन।

 





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