DU SOL NCWEB Administration and Public Policy | Unit 2 #1 प्रशासनिक सिद्धांत - शास्त्रीय सिद्धांत का वैज्ञानिक प्रबंध दृष्टिकोण | 1st/2nd/3rd Year and All Semester

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प्रशासन और लोकनीति: अवधारणाएं और सिद्धांत

Administration and Public Policy

5th / 6th Semester

Unit - 2       Part - 1

प्रशासनिक सिद्धांत


शास्त्रीय सिद्धांत का वैज्ञानिक प्रबंध दृष्टिकोण -


प्रशासनिक प्रबंधन में वैज्ञानिक प्रबंध दृष्टिकोण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है यह दृष्टिकोण 19वीं शताब्दी के बाद विकसित हुआ।


एफ.डब्ल्यू टेलर का जन्म जर्मनी के एक शहर में हूं 20 मार्च 1856 को हुआ था। उन्हें यूरोप के 2 राज्यों से अपना अनुभव प्राप्त हुआ।एक वास्तुकार होते हुए उन्होंने कई पद्धतियों के सुधार उप में अनेक कार्यों के तथा कई उपकरणों का निर्माण किया।


कुछ प्रमुख उपकरणों का निर्माण उन्होंने अन्य उपकरणों को काटने के लिए एक गर्म यंत्र लोहे का हथोड़ा जल के दबाव से चलने वाला वह थकान कम करने वाले जैसे उपकरणों का निर्माण किया।

एफ.डब्ल्यू टेलर रचनाएं एवं पद्धतियां :


टेलर की कुछ महत्वपूर्ण कार्य उनके पूर्व लेखों में दिखाई देते हैं जिनकी और उन्होंने अधिक बल दिया।

टेलर की विशिष्ट धारणाएं निम्नलिखित हैं-

  • किसी भी विशेष कार्य को समाप्त करने के लिए एक निश्चित समय सीमा का होना आवश्यक है।

  • कार्य के अनुसार मजदूरी दर

  • उचित स्थान पर उचित व्यक्ति का होना


टेलर की वैज्ञानिक प्रबंधन की कुछ धारणाएं-

  • टेलर ने इस बात पर बल दिया कि किसी भी संगठन के कार्य में सुधार करने के लिए वैज्ञानिक विधियों आवश्यक है।

  • एक अच्छा श्रमिक ही प्रबंधन के निर्देशों का पालन है उसे स्वीकार करता है।

  • व्यक्ति आर्थिक कारकों द्वारा प्रेरित हो सकता है।


टेलर कई कई वर्षों तक एक संगठन के सदस्य रहे वहां पर उन्होंने कई वर्षों तक अनुभव किया और निष्कर्ष पर पहुंचे कि केवल उचित व्यक्ति को ही विभिन्न कार्यों के लिए चयनित किया जाना चाहिए।


उन्होंने अनुभव किया कि निम्न स्तर पर श्रमिक सुपरवाइजर की उम्मीद पर खरा उतरने का प्रयास करते हैं।


वैज्ञानिक प्रबंध दृष्टिकोण :- वैज्ञानिक प्रबंध दृष्टिकोण से तात्पर्य है यह यांत्रिक परिवर्तनों की शुरुआती चरणों में आया।


इस दृष्टिकोण ने आधुनिक संस्कृति के सदस्यों के भाग को संबोधित करने का प्रयास किया।श्रमिकों के प्रभावी प्रबंधन के लिए अग्रणी कार्य किए। नए बाजार के विकास करने में सहायता की।



वैज्ञानिक प्रबंध सिद्धांत एफ.डब्ल्यू टेलर:


टेलर ने वैज्ञानिक प्रबंध के सिद्धांत चार प्रमुख सिद्धांतों में रखा है जो निम्नलिखित है:-


  • विभिन्न प्रबंधन कार्यों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास।

  • कार्य का कठोर वर्गीकरण एवं सतत प्रशिक्षण व्यवस्था

  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं तर्कसंगत के रूप में चयनित कार्यबल का मिश्रण

  • मालिक एवं श्रमिक के दायित्व का निर्माण।


  1. कार्य का विज्ञान व उसका विकास

  2. वैज्ञानिक चयन व श्रमिकों का विकास

  3. कार्यालय ज्ञान का संयोजन एवं श्रमिकों का वैज्ञानिक चयन

  4. श्रमिक एवं प्रबंधन : उत्तरदायित्व का बंटवारा


वैज्ञानिक प्रबंधन की आलोचना निम्नलिखित आधार पर की गई है :- 


  • केवल संगठन के निम्न स्तर पर बल देता है तथा उच्च स्तर पर संगठन के सभी मुद्दों की अवहेलना करता है इसीलिए यह दृष्टिकोण संगठन को एक समूह के कारकों का बिल ना करता है जो संगठन के लिए अनावश्यक है।

  • वैज्ञानिक प्रबंध के सिद्धांत संगठन के मानव्य पक्षों की अवहेलना करता है।

  • यह अमानवीय प्रेरणा की संकल्पना को सरल बना देता है टेलर ने सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक कार्य को के बजाय मौद्रिक कारकों पर अधिक बल दिया है।

  • टेलर वाद को श्रमिक संघों से कई विरोधियों का सामना करना पड़ा उदाहरण के लिए मानसिक क्रांति की अवधारणा मालिकों व श्रमिकों के माध्यम सहयोग पूर्ण संबंध के निर्माण का प्रयास करता है। जोकि श्रमिक संघ की भूमिका को है प्रसांगिक बना देता है किंतु यह पूर्ण सत्य नहीं है।

  • यह मैनेजरों के समूह द्वारा सौंपा गया है। जोकि मैनेजरों के धैर्य को कम करता है तथा इसने जिम्मेदारियों के बंटवारे पर बल दिया है।


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