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DU SOL NCWEB Administration and Public Policy | Unit 2 #2 प्रशासनिक सिद्धांत - प्रशासनिक प्रबंधन | 1st/2nd/3rd Year and All Semester

 The Learners Community and Technology

प्रशासन और लोकनीति: अवधारणाएं और सिद्धांत

Administration and Public Policy

5th / 6th Semester

Unit - 2       Part - 2

प्रशासनिक सिद्धांत - प्रशासनिक प्रबंधन


प्रशासनिक प्रबंधन उपागम विज्ञान और सिद्धांतों से संबंधित महत्वपूर्ण उपागम में से एक है जो इस बात पर बल देता है कि किसी संगठन में प्रबंधन को कैसे किया जाना चाहिए। इन सभी सिद्धांतकारों के कुछ मत थे जिन पर वे सभी सहमत थे :- यह उपागम प्रशासन संगठन की संरचना पर जोर देता है। उन सिद्धांतकारों के अनुसार जिन्होंने इस उपागम में योगदान दिया संरचना के बिना कोई संगठन कार्य नहीं कर सकता और वह संरचना है जो संगठन की आवश्यकता के लिए मानव प्रकृति को डालती है। यह उपागम औपचारिक संगठन की रचनाओं के लिए कुछ सार्वभौमिक सिद्धांतों के निर्माण से संबंधित है इनसे कई सिद्धांत औद्योगिक संगठन के प्रमुख सिद्धांत कारों के अनुभव पर आधारित है। इन सिद्धांतों को वैज्ञानिक रूप से मान्यता प्राप्त है क्योंकि उन्हें उद्योगों और सेना के कठोर अनुभव अवलोकन के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। हेनरी फेयोल यह एक फ्रांसीसी खनन इंजीनियर थे जो उद्योगपति और सफल प्रबंधक मारे जाने वालों में प्रमुख थे। जिनका प्रबंधन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान है। वे प्रबंधन प्रक्रिया विचारधारा की शुरुआती विचारकों में से एक है। लोक प्रशासन में उनका सबसे प्रमुख योगदान उनका पेपर थ्योरी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन इन द स्टेट 1923 है। इसके अलावा उनका काम जनरल प्रिंसिपल्स ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन मैं उल्लेखनीय है। फेयोल ने प्रबंधन के कर्तव्य के पांच तत्वों की पहचान की जो इस प्रकार है नियोजन संगठन आदेश समन्वय और नियंत्रण। फेयोल ने प्रबंधन के 14 सिद्धांतों को प्रस्तुत किया जो निम्नलिखित हैं:-

  1. कार्य का विभाजन
  2. प्राधिकार और जिम्मेदारी
  3. अनुशासन
  4. आदेश की एकता
  5. दिशा निर्देश की एकता
  6. व्यक्तिगत हितों की सामान्य हितों के प्रति अधीनता
  7. कर्मियों का परिश्रमिक
  8. केंद्रीकरण
  9. स्केलर चैन
  10. आदेश
  11. निष्पक्षता
  12. कर्मियों की पदावधि की स्थिरता
  13. पहल
  14. सामंजस्य


उनका मत था कि अच्छे प्रशासन के लिए कुछ प्रबंधकों की आवश्यकता होती है और कुछ ऐसे लक्षण निर्धारित किए जो अच्छे प्रबंधक के पास होने चाहिए जैसे शारीरिक गुण, मानसिक गुण, नैतिक गुण, सामान्य शिक्षा, विशिष्ट ज्ञान और अनुभव।

एफ डब्ल्यू टेलऱ और हेनरी फेयोल दोनों ने वैज्ञानिक प्रबंधन के विकास में अमूल्य योगदान दिया। जहां टेलर के वैज्ञानिक प्रबंधन सिद्धांतों को विशेष रूप से केवल उत्पादन प्रक्रिया या कार्यशील प्रबंधन की और लक्षित किया गया था वही फेयोल ने सिद्धांतों का एक सार्वभौमिक समूह दिया जो सभी प्रकार के संगठन में लागू हो सकता था। लूथर गुलिक और ऊर्विक:- गुलिक और उर्वरक के कार्य ने प्रशासन के विज्ञान के विकास में बड़ा योगदान दिया और उनके कार्य द पेपर ऑन द साइंस ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन 1937 इस संबंध में उल्लेखनीय थे। गुलिक और उर्वरक की विचार प्रक्रिया सिविल सेवा सैन्य और औद्योगिक संगठनों में काम करने के अपने अनुभव से प्राप्त है और इसने लोक प्रशासन के कामकाज पर अपने दृष्टिकोण का निर्माण किया। एफ डब्ल्यू टेलर और फेयोल के कार्यों से प्रेरित होकर उन्होंने संगठन के सार्वभौमिक सिद्धांतों को संश्लेषित किया। जिससे संगठन के शास्त्रीय सिद्धांत या प्रशासनिक प्रबंधन के सिद्धांत के रूप में माना जाता है। एक संगठन को डिजाइन करते समय गुल्लीक और उर्वरक के लिए संगठन में व्यक्तियों की भूमिका की तुलना में प्रशासन की संरचना अधिक महत्वपूर्ण है। उधर के अनुसार दोस्तों की संरचना समाज के अविनाश और धर्म के लिए जिम्मेदार है। ब्रिक के अनुसार डिजाइन की अभाव क्रूर बेकार और सक्षम है। प्रथम डिजाइन के अभाव में नौकरी की प्रकृति और इसके लिए आवश्यक योग्यता स्पष्ट हो जाती है और नियुक्त व्यक्ति को वेतन देना, जिसे अपने पद के कार्यों का कोई पता नहीं है अतार्किक है । द्वितीय नौकरी के लिए आवश्यक योग्यता के साथ-साथ अपने कर्तव्य से अपरिचित व्यक्ति को नियुक्त करना भी क्रूर और व्यर्थ है। तृतीय यदि नौकरियों के कार्यों को अच्छी तरह से डिजाइन नहीं किया गया तो श्रमिकों के बीच कार्यात्मक विशेषज्ञता का विकास बाधित होता है। उन्होंने प्रशासनिक संरचना के डिजाइन के लिए सिद्धांतों का निर्माण किया गुल्लिक ने प्रशासन के 10 सिद्धांत बताएं जो इस प्रकार है:
    1. कार्य का विभाजन और विशेषज्ञता
    2. विभागीय संगठन के आधार
    3. पदसोपना द्वारा समन्वय
    4. विमर्श इस संबंध में
    5. समितियों के अंतर्गत समन्वय
    6. विकेंद्रीकरण
    7. आदेश की एकता
    8. लाइन तथा स्टाफ
    9. प्रत्यायोजन
    10. नियंत्रण के चित्र
गुलिक भी फेयोल द्वारा के पांच तत्वों से प्रभावित थे। इसे और आगे बढ़ाते हुए उन्होंने POSDCORB का संक्षिप्त रूप प्रतिपादित किया। विभागीयकरण का सिद्धांत Theory of Departmentalisation : यह सिद्धांत कार्य के विभाजन और विभाग के निर्माण के लिए 4 आधारों की पहचान करता है। यह आमतौर पर देखा जाता है कि विभाग अक्सर कर्तव्यों के निर्धारण के मुद्दों पर संघर्ष करते हैं। इस समस्या के निवारण हेतु उन्होंने Four Ps सिद्धांत दिया- उद्देश , प्रक्रिया, व्यक्ति, स्थान।यह सिद्धांत कार्य विभाजन को मान्यता देता है जो संगठन के प्रमुख संरचनात्मक विशेषता है। आलोचना : प्रशासनिक प्रबंधन सिद्धांत को तीव्र आलोचना का सामना करना पड़ा। हर्बर्ट साइमन इस उपागम के सबसे कठोर आलोचकों में से एक है । इन सिद्धांत को घरेलू कहावत मिथक नारेबाजी निरंता के सिद्धांत कहकर पुकारते हैं। यह सिद्धांत अस्पष्ट और परस्पर विरोधाभासी है जिसमें कोई भी यह संकेत नहीं देता कि कौन सा सिद्धांत विरोधाभासी के मामले में लागू होगा। गुलिक द्वारा दिए गए संगठन के आधारों को भी असंगति के आधार पर आलोचना की गई है। सिद्धांत स्पष्ट और एक दूसरे से अलग है। सिद्धांत आदेशात्मक के बजाया वन आत्मक अधिक है और वे बताते हैं कि काम को कैसे विभाजित है बजाएं कैसे विभाजित किया जाना चाहिए पर बल दिया जाना चाहिए। इस उपागम कि मानवीय तत्व और मानवीय प्रणाम की उपेक्षा की भी आलोचना की गई है। इश्क उपागम में मानव की भूमिका को मशीन के केवल पुर्जा तक सीमित कर दिया गया था। प्रासंगिकता : प्रशासन के सिद्धांतों की आलोचना के बावजूद आज भी इस प्रसंगिकता को ज्ञात करने का प्रयास जारी है। हम इन सिद्धांतों जैसे वर्तमान संगठनों में कार्य का विभाजन, समन्वय, प्रत्यायोजन, आदि को कार्यरत पाते हैं संगठन इन सिद्धांतों का पालन किए बिना कार्य नहीं कर सकता। यह सिद्धांत लोक प्रशासन और प्रबंधन के विद्यार्थियों को कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाना जारी है। बहुत से लोगों ने सिद्धांतों की आलोचना की है परंतु इन सिद्धांतों का कोई फल विकसित नहीं किया है। वे बेहतर सिद्धांतों से उन्हें प्रतिपादित करने में असफल रहे हैं।प्रशासन के सिद्धांतों ने प्रशासन के बाद के सिद्धांतों के विकास के लिए आधार प्रदान किया है। संगठनों में हो रहे परिवर्तन के अनुसार कुछ संशोधनों के साथ यह सिद्धांत वर्तमान संदर्भ में भी प्रसंगिकता प्राप्त कर सकते हैं।


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