Skip to main content

DU SOL NCWEB 3rd/4th Semester Chapter 3 (सामाजिक सांस्कृतिक कारक और बच्चों की सोच और सीखने की प्रक्रिया पर इसके प्रभाव) | Education (Discipline Course) |

 The Learners Community and Technology

3rd/4TH SEMESTER EDUCATION (Discipline)


Education Understanding Human Learning and cognition


Chapter - 3


सामाजिक सांस्कृतिक कारक और बच्चों की सोच और सीखने की प्रक्रिया पर इसके प्रभाव



सामान्य रूप से सोचना व्यक्ति का एक महत्वपूर्ण कार्य है सोचने में प्रत्येक व्यक्ति सक्षम होता है और उसे ज्ञान विचारों का निर्माण और संबंध बनाना आता है।सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण एक शिक्षार्थी को सोचने की प्रक्रिया में सक्षम बनाता है। पार्वती का मानना है कि सामाजिक वातावरण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बच्चों के सीखने और सोचने की प्रक्रिया में।बच्चे के जीवन पर जीवन की शुरुआती कुछ वर्षों का अनुभव सकारात्मक या नकारात्मक बहुत अधिक प्रभाव डालता है यह प्रभाव मस्तिष्क को आकार देने और विकसित करने का कार्य भी करता है।

मस्तिष्क का 90% विकास प्रीस्कूल से पहले होता है।


भारत के वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति जिसे 2020 में पेश किया गया था उसके अंतर्गत शिक्षार्थी की सीखने की उम्र को ध्यान में रखते हुए उसकी संरचना की गई है।


माता-पिता और बचपन का विकास :- 

कई प्रयोगों में प्रयोग कर्ताओं ने पाया है कि शिक्षार्थी की सामाजिक सांस्कृतिक पृष्ठभूमि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है उसके विकास में। बच्चा जन्म के बाद शुरुआत में जो चीजें सीखता है वही चीज है उसके सोचने की और सीखने की क्षमता को प्रभावित करती है।


बच्चे के प्रारंभिक शिक्षक उसके माता पिता होते हैं माता पिता के द्वारा सिखाई गई चीजें बच्चों के व्यवहार को प्रभावित करती हैं आमतौर पर माता-पिता बच्चों को अधिक संवाद और अच्छी चीजें सिखाने का कार्य करते हैं।


सीखने और सोचने की प्रक्रिया को समझना :- बच्चों के सीखने और सोचने की प्रक्रिया उनके जन्म से ही आरंभ होती है सीखने और सोचने की प्रक्रिया एक प्रकार से डेवलपर्स घर को किस प्रकार बनाते हैं इस प्रक्रिया से जुड़ी हुई है।

उदाहरण के लिए अगर घर की नींव बहुत ही पक्की होगी तो घर अधिकांश वर्षों तक टिका रहेगा उसी प्रकार अगर बच्चे की शुरुआती शिक्षा और उसका व्यवहार अच्छा होगा तो उसके जीवन मैं उसे अधिक कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। बच्चों का माहौल बच्चों के सीखने और सोचने की प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है।


सीखना और भाषा :- 2 से 7 वर्ष के बीच भाषा का निर्माण शुरू हो जाता है बच्चा कुछ बोलना शुरू करता है और कुछ नई चीजों को सीखना भी शुरू करता है। यह उम्र भाषा सीखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है यहां तक कि बच्चा जटिल वाक्यों को भी बोलना सीखना शुरू कर देता है।

बच्चा अपने आसपास के माहौल के द्वारा अपनी भाषा का निर्माण करता है जिस प्रकार का माहौल होगा उसी प्रकार के बच्चे की भाषा होगी और उसके शब्दकोश में नए नए शब्दों का निर्माण होगा।



सामाजिक सांस्कृतिक कारक और विकास :- 


-> सामाजिक सांस्कृतिक कारक एक बच्चे के जन्म से लेकर उसके मृत्यु तक उसके विकास को बहुत हद तक प्रभावित करते हैं प्रत्येक बच्चा अपने सामान्य परिवेश के साथ संवाद करने में उल्लेखनीय है अर्थात प्रत्येक बच्चा जिस भी किसी परिवेश वातावरण में रहता है उसी प्रकार का वह संवाद करता है और अन्य चीजों को भी ग्रहण करता है।बच्चा कैसे सोचता है कैसे आगे बढ़ता है यह सब उसके आसपास के माहौल पर होता है।


-> बच्चे के जन्म के कुछ समय बाद उसको खुलापन दिया जाना चाहिए खुलापन बच्चे को प्रभावित करता है कि वह किस प्रकार अपना ख्याल रखता है और दूसरों के साथ संबंध रखता है तथा खुलापन के द्वारा ही उसकी मानसिक अवस्था तथा व्यक्तित्व का भी विकास होता है उदाहरण के लिए पश्चिमी यूरोप और अमेरिकीदेशों में बच्चे आमतौर पर अपने दिलचस्प गुणों के आसपास खुद को चित्रित करेंगे जैसे मैं स्मार्ट हूं या मैं ड्राइंग में अच्छा हूं। कुछ बच्चे सामाजिक सरोकार द्वारा खुद को चित्रित करते हैं जैसे कि मैं अपने माता-पिता का बच्चा हूं या मैं एक अच्छा छात्र हूं।


-> विभिन्न समाजों में माता-पिता बच्चों के आचरण और उनके सोचने की व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं अधिकांश अभिभावक अपने बच्चे को समाज के अलग-अलग व्यवहारों रूपों से जुड़ने के लिए तैयार करते हैं। उदाहरण के लिए छोटा बच्चा आम तौर पर अपने माता-पिता के बाद बातचीत की शैली को बढ़ावा देता है तथा उन्हीं के द्वारा की गई बातों से वह सीखता है।


-> सामाजिक साथियो बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। किसी शिक्षार्थी को किस प्रकार के साथ ही मिलते हैं यह उसके सीखने की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण पक्ष है अगर शिक्षार्थी को मददगार साथ ही मिलते हैं जो इसकी पढ़ाई तथा अन्य सभी क्षेत्रों में मदद करते हैं तो उसको कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा वहीं अगर कोई विद्यार्थी पिछड़े वर्ग से आता है वह अपनी पढ़ाई यों में कठिनाइयां महसूस करता है एवं उन्हें समस्याओं को सुलझाने के लिए मदद की बहुत याद आता होती है।


-> विद्यार्थी की शैक्षिक स्थिति किस प्रकार की है यह उसके सीखने की क्षमता सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालती है जैसे कि अगर विद्यार्थी के परिवार में सभी उच्च शिक्षा प्राप्त व सदस्य है तो उसे सीखने की गतिविधियों में आसानी होने की संभावना है वही विद्यार्थी जिसके परिवार में कोई भी पढ़ा लिखा नहीं है उसके सीखने की क्षमता में परेशानियां खड़ी हो सकती है।


-> वायगोत्स्की के विचारों को उच्च - क्रम सोच कौशल के विकास में सामाजिक अंतःक्रियाओं और संस्कृति की भूमिका की पहचान करने के लिए सबसे अधिक मान्यता प्राप्त है


-> ग्रीन फील्ड और उनके सहयोगियों ने परंपरागत माया कृषक परिवार की बालिकाओं में सीखने की एक पद्धति का उल्लेख किया उन्होंने इस पद्धति में बताया कि माताएं बाल व्यवस्था से मध्य बाल व्यवस्था और उसके बाद बदलती भूमिकाओं में भाग लेकर लड़कियों को शिक्षा को व्यवस्थित करती हैं।


भारतीय संस्कृति में परिवार के सदस्य बच्चों के सीखने और सोचने की प्रक्रिया में एक महत्व प्रदान करते हैं प्रत्येक सदस्य एक एजेंट के रूप में कार्य करता है और बच्चों को ज्ञान देता है और वह शिक्षा सिखाता है जिससे वह बच्चा समाज में एक अच्छा व्यवहार और संबंध स्थापित कर सकें।


बड़े परिवार के बच्चों में एकल परिवार के बच्चों की तुलना में खाने और सोने के संबंधी विकार आक्रामकता असामाजिक व्यवहार और अपराध जैसे व्यवहार संबंधी समस्याओं की रिपोर्ट काफी कम की है।


महिलाओं के उत्पीड़न मार पिटाई और परिवार की संपत्ति में महिलाओं के नग्न हिस्सेदारी आधुनिक भारतीय परिवार की एक पुरानी परेशानी रही है जिसमें आप काफी तेजी से परिवर्तन हो रहा है। वर्तमान में महिलाओं के प्रति उत्पीड़न की स्थिति में उस हल्का सा सुधार आया है और महिलाओं को संपत्ति में हिस्सेदारी भी मिल रही है।


Watch Our This Notes Explanation Video on Youtube

Popular posts from this blog

DU SOL NCWEB 6th Semester GE English Life and Literature Question and Answers Explain | SOL Exam 2025

DU SOL NCWEB 6 th Semester NEP GE English Life and Literature Chapter Important Question and Answer Explain   Unit I: Tuesdays with Morrie Question 1: How does Mitch Albom’s memoir, Tuesdays with Morrie, explore the theme of learning to die in order to live? Answer: Introduction: Mitch Albom’s memoir, Tuesdays with Morrie, delves deeply into the theme of learning to die in order to live. Through the narrative of Morrie Schwartz’s battle with ALS and his weekly conversations with his former student, Mitch Albom, the book illustrates how confronting mortality can lead to a more fulfilling and meaningful life. Main Points / Parts: Morrie’s Acceptance of Death: Morrie Schwartz, a sociology professor at Brandeis University, is diagnosed with ALS, a terminal illness. Instead of succumbing to despair, Morrie embraces his condition as a final sociological study on death and life. He transforms his suffering into a teaching opportunity, inviting Mitch to his home fo...

DU SOL NCWEB 5th Semester History (Issues in 20th C World History I ) Unit 1 | बीसवीं सदी अवधारणा और परिभाषाएं | Unit Notes in Hindi | DU SOL EXAM Study

THE LEARNERS COMMUNITY 5 th  Semester History (Issues in 20 th  C World History I) Unit – 1       बीसवीं सदी अवधारणा और परिभाषाएं:

DU SOL NCWEB 4th Semester EDUCATION (SEC COURSE) चिंतनशील शिक्षा/REFLECTIVE LEARNING Unit 1 | Study Notes | BA,B.com,BA HONS

  The Learners Community and Technology 4 th  Semester SEC Education REFLECTIVE LEARNING  /  चिंतनशील शिक्षा Unit 1 अधिगम कैसा होता है: संदर्भगत चिंतन ,  आलोचनात्मक चिंतन ,  सृजनात्मक चिंतन ,  विचारात्मक चिंतन   अधिगम का अर्थ :   अधिगम का तात्पर्य एक ऐसी प्रक्रिया से है जिसके अंतर्गत व्यक्ति के व्यवहार में अनुभव अभ्यास प्रशिक्षण के अंतर्गत उसके अंदर परिवर्तन इंगित होता है प्रत्येक प्राणी अपने जीवन में कुछ ना कुछ सीखता है जिस व्यक्ति में सीखने की जितनी अधिक शक्ति होती है उतना ही अधिक उसके जीवन का विकास होता है बालक प्रत्येक समय और पृथ्वी किस स्थान पर कुछ ना कुछ देखती रहती है |   उदाहरण के लिए जब एक छोटे बालक के सामने जलता हुआ दिया रखा जाता है तो वह उसकी लौ को पकड़ने की कोशिश करता है जिस कोशिश में उसका हाथ भी जल जाता है। अगली बार जब भी कभी उसके सामने कोई जलता हुआ दिया रखेगा तो वह अपने पिछले अनुभव के आधार पर उसकी लौ को पकड़ने की कोशिश नहीं करेगा क्योंकि उसे पता है कि लो पकड़ने से उसको दर्द महसूस होगा। अधिगम की परिभाषायें  : बुडवर्थ के ...